बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 अर्थशास्त्र - आर्थिक संवृद्धि एवं विकास बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 अर्थशास्त्र - आर्थिक संवृद्धि एवं विकाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 अर्थशास्त्र - आर्थिक संवृद्धि एवं विकास - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 3
गरीबी एवं असमानता की अवधारणा, गरीबी का दुश्चक्र, लॉरेन्ज वक्र, गिनी गुणांक, मानव विकास सूचकांक, प्रसन्नता सूचकांक, भूख सूचकांक, जीवन सूचकांक की भौतिक गुणवत्ता, सतत् विकास की अवधारणा एवं सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य
(Concept of Poverty and Inequality, Vicious Cycle of Poverty, Lorenz Curve, Gini Coefficient, Human Development Index, Happiness Index, Hunger Index, Physical Quality of Life Index, Concept of Sustainable Development and MillenniumDevelopment Goals)
प्रश्न- गरीबी अथवा निर्धनता के अर्थ को स्पष्ट कीजिए, भारत में गरीबी के प्रमुख कारणों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
गरीबी अथवा निर्धनता का अर्थ - गरीबी अथवा निर्धनता का अर्थ उस स्थिति से है, जिसमें समाज का एक भाग अपने जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करने में असमर्थ रहता है। तीसरी दुनिया के देशों में व्यापक निर्धनता पाई जाती है, यद्यपि यूरोप एवं अमरीका के कुछ भागों में भी निर्धनता विद्यमान है।
एडम स्मिथ के अनुसार, गरीबी अथवा निर्धनता की परिभाषा-
"किसी व्यक्ति को धनी अथवा निर्धन इस बात पर माना जा सकता है जिस पर वह मानव जीवन की आवश्यकताओं व सुख-सुविधाओं का भोग करता हो। "
खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुसार, “खाद्य एवं कृषि संगठन ने निर्धनता की परिभाषा भुखमरी रेखा के आधार पर दी जो कैलोरी प्राप्त पर थी, यह 2300 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के रूप में थी।
भारत में निर्धनता /गरीबी के कारण - भारत में निर्धनता / गरीबी के निम्न कारण हैं -
1. भारत में कृषि की प्रधानता - भारत एक अल्पविकसित देश है, जिसमें अधिकांश जनसंख्या कृषि एवं कृषि से सम्बद्ध क्रियाओं में लगी रहती है यहाँ राष्ट्रीय आय में कृषि क्षेत्र का योगदान अधिक होने के कारण अधिकांश जनसमूह खेतों में दिनभर कार्य करने के बावजूद भी भरपेट भोजन के लिए परेशान रहते हैं। कृषि क्षेत्र में 7-8 माह काम चलता है। शेष बाकी महीनों में मजदूर लोग खाली रहते हैं जो गरीबी को बढ़ावा देता है।
2. प्रति व्यक्ति निम्न आय - यहाँ का दूसरा मुख्य कारण प्रति व्यक्ति आय का स्तर बहुत ही कम / निम्न है। इसी कारण यहाँ दरिद्रता के विशाल सागर दिखाई पड़ते हैं यहाँ जनसंख्या का बहुत बड़ा भाग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा है। इस प्रकार प्रति व्यक्ति आय का निम्न स्तर एक महत्त्वपूर्ण लक्षण है। यहाँ आय का स्तर ही नीचा नहीं है, बल्कि आय स्तर में भी असमानता
3. जनसंख्या की तीव्र वृद्धि - भारत जनसंख्या में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है यहाँ की जनसंख्या वृद्धि विकसित देशों की तुलना में बहुत अधिक है, तीव्रगति से बढ़ती हुई जनसंख्या आर्थिक विकास व बेरोजगारी की समस्या बनी हुई है।
4. बेरोजगारी तथा प्रच्छन्द - बेरोजगारी यहाँ बेरोजगारी तथा प्रच्छन्द बेरोजगारी अधिक मात्रा में व्याप्त है क्योंकि यहाँ प्राकृतिक संसाधनों का पूर्णतया विदोहन न होने के कारण बेरोजगारी की समस्या विद्यमान है, क्योंकि रोजगार के अवसरों का सृजन नहीं हो पाता।
5. पूँजी निर्माण की निम्न दर - यहाँ पूँजी निर्माण की निम्नता है जो अल्पविकसित अर्थव्यवस्था की एक प्रमुख विशेषता है। भारतीय अर्थव्यवस्था में पूँजी की कमी के कारण प्रतिव्यक्ति उत्पादकता का स्तर भी नीचा है। जिसके कारण प्रति व्यक्ति आय में कमी है। जो गरीबी को बढ़ावा देता है।
6. प्राकृतिक संसाधनों का अल्प प्रयोग - यहाँ उत्पादन के पुराने और अप्रचलित तरीकों का प्रयोग होता है जिनका विकसित देशों ने बहुत पहले ही परित्याग कर दिया है। पिछड़ी हुई तकनीकी के कारण उत्पादन तथा उत्पादिकता निम्न हो जाती है। अतः तकनीकी पिछड़ापन यहाँ की एक अन्य विशेषता है।
7. द्वैत अर्थव्यवस्था - यहाँ द्वैत अर्थव्यवस्था पायी जाती है अर्थात् बाजार व्यवस्था और निर्वाह अर्थव्यवस्था। बाजार अर्थव्यवस्था का स्वरूप नगरीय होता है या नगरों के समीप होते हैं। दूसरी ओर निर्वाह अर्थव्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में पायी जाती है। जो अल्पविकसित व पिछड़े स्वरूप की होती है। बाजार अर्थव्यवस्था में उच्च कोटि की जटिल तकनीकी का प्रयोग होता है। अर्थात् इनमें आरामदायक एवं विलासिता से सम्बन्धित वस्तुओं का उत्पादन होता है। जबकि निर्वाह अर्थव्यवस्था में कृषि से सम्बद्ध पदार्थों के उत्पादन की प्रधानता रहती है और उत्पादन तकनीकी परम्परागत और पिछड़ी हुई होती है। निर्वाह अर्थव्यवस्थाओं में निर्धनता और पिछड़ेपन की प्रधानता होती है। द्वैत अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत बाजार अर्थव्यवस्था का क्षेत्र बहुत ही कम होता है तथा निर्वाह अर्थव्यवस्था का क्षेत्र विस्तृत होता है, अर्थात् नगरीय जनसंख्या और ग्रामीण जनसंख्या में भारी अन्तराल होता है, जो गरीबी का सबसे बड़ा मुख्य कारण है।
8. निर्यातों व आयातों पर निर्भरता - भारतीय अर्थव्यवस्था में अधिकांश रूप से विदेशी व्यापार उन्मुख हैं, जिनके कारण यहाँ कुछ प्रारम्भिक वस्तुएं ही पैदा की जाती हैं, जिन्हें पूरी तरह से निर्यात कर दिया जाता है और जिसके बदले में उपभोक्ता वस्तुओं तथा मशीनरी का आयात होता है।
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- प्रश्न- आर्थिक विकास का आशय तथा परिभाषा कीजिए। आर्थिक विकास की प्रकृति व महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास की परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास की प्रकृति बताइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास एवं आर्थिक वृद्धि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले कारको की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- आर्थिक विकास को निर्धारित करने वाले आर्थिक तत्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास के अनार्थिक तत्वों को समझाइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास पर मानवीय संसाधन के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास में बाधक हैं?
- प्रश्न- बढ़ती हुई जनसंख्या का आर्थिक विकास पर प्रभाव बताइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास के मापक बताइये।
- प्रश्न- आर्थिक विकास में संस्थाओं की भूमिका समझाइए।
- प्रश्न- किसी देश के आर्थिक विकास में विदेशी पूँजी की भूमिका की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक संवृद्धि की गैर-आर्थिक बाधाएँ कौन-कौन सी हैं?
- प्रश्न- आर्थिक पिछड़ापन आर्थिक तथा अनार्थिक कारकों का परिणाम है। इस कथन का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास एवं विकास अन्तराल की माप किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- गरीबी अथवा निर्धनता के अर्थ को स्पष्ट कीजिए, भारत में गरीबी के प्रमुख कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकसित एवं विकासशील देशों की आय एवं सम्पत्ति असमानता में अन्तराल के कारणों का स्पष्ट विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- मानव विकास सूचकांक की धारणा किन मान्यताओं पर आधारित है, तथा मानव विकास सूचकांक निर्माण करने के चरणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- गरीबी रेखा के निर्धारण का क्या महत्त्व है? तथा भारत में गरीबी रेखा के निर्धारण हेतु सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- प्रसरण प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सापेक्ष गरीबी बनाम निरपेक्ष गरीबी पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मानव विकास सूचकांक (HDI) क्या है? यह मानव विकास में कितने आयामों को मानता है?
- प्रश्न- भौतिक जीवन कोटि निर्देशांक किसने निर्मित किया? भौतिक जीवन कोटि निर्देशांक किन सूचकों द्वारा की जाती है?
- प्रश्न- "कोई देश इसलिए गरीब रहता है क्योंकि वह गरीब है। " स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निर्धनता के दुष्चक्र को तोड़ने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- गिनी गुणांक क्या है? गिनी गुणांक कैसे मापा जाता है?
- प्रश्न- गिनी गुणांक का महत्व क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- लॉरेंज वक्र क्या है?
- प्रश्न- वैश्विक भूख सूचकांक क्या है?
- प्रश्न- लिंग सम्बन्धित विकास सूचक क्या है?
- प्रश्न- मानव निर्धनता सूचक क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खुशहाली सूचकांक क्या है?
- प्रश्न- सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य (MDG) की महत्वपूर्ण विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सतत् विकास की अवधारणा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्थर लुइस द्वारा प्रस्तुत असीमित श्रम आपूर्ति द्वारा आर्थिक विकास के सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- प्रबल प्रयास सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- नैल्सन का निम्नस्तरीय संतुलन अवरोध का सिद्धान्त की चित्रात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- संतुलित विकास के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए तथा विकासशील देशों के सन्दर्भ में इसकी सीमाएं बताइए।
- प्रश्न- संतुलित विकास के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- संतुलित विकास के विपक्ष में विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा दिये गये तर्कों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- असंतुलित विकास को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- असंतुलित विकास के सम्बन्ध में विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा परिलक्षित किये गये विचारों को प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- संतुलित तथा असंतुलित विकास पद्धति में कौन बेहतर है?
- प्रश्न- हर्षमैन के असन्तुलित विकास सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए तथा विकासशील देशों के लिए इसकी उपयुक्तता का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- संतुलित एवं असंतुलित विकास की व्याख्या कीजिए। भारत जैसे विकासशील देश के लिए किस प्रकार का विकास अपेक्षित है?
- प्रश्न- असंतुलित विकास सिद्धान्त को समझाइये |
- प्रश्न- सन्तुलित विकास के सम्बन्ध में रोजेन्स्टीन रोडान के विचार को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- हर्षमैन द्वारा संतुलित विकास के विचार की किस प्रकार आलोचना की गयी है?
- प्रश्न- रोस्टोव की आर्थिक विकास की अवस्थाओं का वर्णन एवं आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- हैरोड तथा डोमर के विकास मॉडल की आलोचनात्मक व्याख्या करते हुए बताइए कि भारत जैसे अल्पविकसित देश में यह कहाँ तक लागू किया जा सकता है?
- प्रश्न- हैरोड द्वारा प्रस्तुत विकास दरों व समीकरण बताइए।
- प्रश्न- हैरोड के विकास मॉडल की आलोचनायें बताइए।
- प्रश्न- हैरोड का विकास मॉडल डोमर के विकास मॉडल से किस प्रकार भिन्न है?
- प्रश्न- हैरोड के विकास प्रारूप का संक्षेप में परीक्षण कीजिए। भारत जैसे विकासशील देशों में यह कहाँ तक लागू होता है?
- प्रश्न- हैरोड - डोमर मॉडल में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यष्टि स्तर पर नियोजन समझाइए।
- प्रश्न- हैरोड - डोमर मॉडल में छुरी-धार सन्तुलन की परिकल्पना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत के जनसंख्या वृद्धि की बदलती हुई विशेषताओं पर एक नोट लिखिए।
- प्रश्न- जनांकिकी से क्या अभिप्राय है? जनांकिकी संक्रमण सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या एवं पर्यावरण किस प्रकार एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं तथा आर्थिक विकास को कैसे प्रभावित करते हैं? मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- "जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास में सहायक है अथवा बाधक।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या का आर्थिक विकास पर तथा आर्थिक विकास का जनसंख्या पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण क्या है? इसके कार्यों को स्पष्ट कीजिए?
- प्रश्न- जनसंख्या नीति 2000 की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- समावेशी विकास की आवधारणा या महत्व क्या है?
- प्रश्न- समावेशी विकास के समक्ष चुनौतियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- समावेशी विकास की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बाजार विफलता का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं बाजार विफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- सरकार की विफलता के कारण बताइए।
- प्रश्न- बाजार विफलता को ठीक करने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- सरकार की विफलता का अर्थ क्या है तथा इसके क्या कारण हैं?
- प्रश्न- सरकार की विफलता का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- मानव पूँजी क्या है? आर्थिक विकास में मानवीय पूँजी निर्माण की भूमिका एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- "जनसंख्या राष्ट्र के लिये सम्पत्ति है और दायित्व भी।" इस कथन पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- मानवीय पूँजी निर्माण का क्या अर्थ है तथा मानवीय संसाधनों के विकास में क्या महत्व है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मानवीय पूँजी निर्माण की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मानवीय साधनों में विनियोग कितने मदों में किया जाता है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मानव पूँजी निर्माण के उपायों पर चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- मानव पूँजी निर्माण के घटकों तथा अर्धविकसित देशों में मानव पूँजी के निम्न स्तर होने के कारणों का स्पष्ट विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- मानवीय पूँजी निर्माण के क्या-क्या मापदण्ड हैं? तथा इसके मापदण्डों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास से आपका क्या तात्पर्य है? किसी विकासशील (अल्पविकसित ) देश की क्या विशेषताएँ हैं?
- प्रश्न- भारत जैसे एक अल्पविकसित देश के प्रमुख लक्षणों पर प्रकाश डालिए। भारत के अल्पविकसित होने के प्रमुख कारणों को बताइए।
- प्रश्न- विकसित एवं विकासशील अर्थव्यवस्था के मध्य अन्तर स्पष्ट करते हुए आर्थिक विकास के सूचकांकों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अल्पविकास के प्रमुख मापदण्ड़ों को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- अल्पविकास के कारणों को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- विकसित एवं विकासशील अर्थव्यवस्था में अन्तर स्पष्ट करें।
- प्रश्न- क्या भारत एक अल्पविकसित देश है? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- अल्पविकसित अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें लिखिये।
- प्रश्न- आर्थिक संवृद्धि एवं आर्थिक विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मिर्डल के चक्रीय कार्यकरण का सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- विकास के फाई एवं रेनिस सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- फाई- रेनिस सिद्धान्त की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- फाई- रेनिस के सिद्धान्त को रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- फाई-रेनिस सिद्धान्त की आलोचनाएँ बताइए।
- प्रश्न- प्रो. हिणिन्स द्वारा प्रतिपादित औद्योगिक द्वैतवाद सिद्धान्त की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- तकनीकी द्वैतवाद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'द्वैतवाद' एक विकासशील अर्थव्यवस्था के विकास की किस प्रकार बाधित कर सकती है?
- प्रश्न- बोइके का सामाजिक दुहरापन सिद्धान्त समझाइये।
- प्रश्न- मिन्ट का वित्तीय दुहरेपन को दूर करने का विकास सिद्धान्त क्या है?
- प्रश्न- अल्पविकास का निर्भरतापरक सिद्धान्त स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- काल्डोर का आर्थिक वृद्धि मॉडल की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- हैरड की तटस्थ तकनीकी प्रगति को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तटस्थ एवं गैर तटस्थ तकनीकी प्रगति क्या है? तटस्थता के सम्बन्ध में हिक्स की धारणा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास में तकनीकी प्रगति का महत्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सोलो के दीर्घकालीन वृद्धि मॉडल की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए [
- प्रश्न- सोलो मॉडल की सीमाएँ लिखिए।
- प्रश्न- सोलो के वृद्धि मॉडल के अनुसार एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन किन तत्वों पर निर्भर करता है? संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- करने से जानकारी (कौशल अर्जन) (Learning By Doing) को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तकनीकी प्रगति का अभिप्राय क्या है?
- प्रश्न- स्टिग्लिट्ज का असममित सूचना सिद्धान्त स्पष्ट कीजिए।
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